Zero
MDR का असर
India
में डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कई initiatives
लिए गए हैं। Payments Council of India (PCI) ने
इस बात की सराहना की है कि सरकारी इंसेंटिव्स ने डिजिटल पेमेंट्स को अपनाने में
बड़ी भूमिका निभाई है। लेकिन PCI का मानना है कि लॉन्ग-टर्म
इन्वेस्टमेंट्स को sustain करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। Payment
processing, customer acquisition और operational management
के लिए जो मौजूदा incentive structure है,
वह sustainable revenue model नहीं बन पाया है।
इस वजह से कई FinTech कंपनियों को financial risk का सामना करना पड़ सकता है।
Zero MDR पॉलिसी और
उसकी चुनौतियाँ
Zero
MDR (Merchant Discount Rate) पॉलिसी के तहत सरकार ने पेमेंट सर्विस
प्रोवाइडर्स को निर्देश दिया है कि वे UPI और Rupay
debit cards जैसे डिजिटल पेमेंट्स पर merchants से कोई चार्ज न लें। यह पॉलिसी छोटे व्यापारियों को डिजिटल ट्रांजैक्शन्स
अपनाने के लिए प्रेरित करती है क्योंकि इससे उनके लिए transactions फ्री हो जाते हैं। लेकिन यह मॉडल payment service providers की sustainability पर सवाल खड़ा करता है।
FinTech
कंपनियां MDR से मिलने वाले revenue पर निर्भर रहती हैं ताकि वे infrastructure, transaction
processing, fraud prevention और innovation में
investment कर सकें। MDR के बिना या
पर्याप्त सरकारी इंसेंटिव्स के अभाव में, fintechs और payment
processors को अपने operations को बनाए रखने
और expand करने में मुश्किल हो सकती है।
सरकारी इंसेंटिव्स और Industry की उम्मीदें
PCI
ने सरकार द्वारा BHIM-UPI transactions (P2M) को
बढ़ावा देने के लिए दिए गए सब्सिडी प्रयासों की सराहना की है। लेकिन FY
2024-25 के लिए रु1500 करोड़ (~$175 मिलियन) का allocation तेजी से बढ़ते डिजिटल
पेमेंट्स infrastructure की जरूरतों को पूरा करने के लिए
पर्याप्त नहीं माना जा रहा। पहले से ही पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को deployment,
servicing और regulatory compliance costs का
सामना करना पड़ रहा है।
इंडस्ट्री
को उम्मीद थी कि सरकार या तो अधिक इंसेंटिव्स देगी या फिर 40 लाख से अधिक टर्नओवर वाले बड़े merchants के लिए एक
नियंत्रित MDR लागू करेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिससे payment service providers की financial
sustainability खतरे में पड़ सकती है। यदि कोई viable
revenue model नहीं अपनाया गया, तो कई FinTech
कंपनियों को अपने operations को सीमित करना,
innovation को धीमा करना या बाजार में अपनी उपस्थिति को पुनः आकलन
करना पड़ सकता है, जिससे संपूर्ण डिजिटल पेमेंट्स इकोसिस्टम
प्रभावित हो सकता है।
Sustainable Solution की आवश्यकता
UPI
के लॉन्ग-टर्म growth को सुनिश्चित करने के
लिए एक sustainable solution की जरूरत है। बड़े व्यापारी
पहले से ही डिजिटल पेमेंट्स के विभिन्न तरीकों पर MDR का
भुगतान कर रहे हैं। लेकिन Rupay और UPI पर MDR की गैर-मौजूदगी की वजह से कंपनियां नए customers
को acquire करने में investment नहीं कर पा रही हैं, जिससे UPI की growth और adoption पर असर
पड़ सकता है।
FinTech
industry को पहले से ही rising deployment और servicing
costs, regulatory compliance challenges का सामना करना पड़ रहा है।
इस स्थिति में, नए users को डिजिटल
पेमेंट्स सिस्टम से जोड़ना मुश्किल हो सकता है।
संतुलित
समाधान:
सरकार को चाहिए कि वह बड़े व्यापारियों के लिए UPI और Rupay
P2M transactions पर nominal और controlled
MDR की अनुमति दे, जबकि छोटे व्यापारियों के
लिए Zero MDR जारी रखे। इसके अलावा, UPI P2P transactions
को पूरी तरह से चार्ज-फ्री रखा जा सकता है। इस तरह का संतुलित
समाधान डिजिटल पेमेंट्स इकोसिस्टम की growth और sustainability
को सुनिश्चित कर सकता है।