आज
के टाइम में जब हर चीज़ मोबाइल ऐप पर हो रही है — खाना ऑर्डर
करना हो या बैंकिंग — तो एक सवाल बार-बार सामने आता है:
“क्या हम क्रिप्टो भी अपने बैंक ऐप से ही खरीद सकते हैं?”
हॉन्गकॉन्ग
में तो लोग यही कर रहे हैं! और शायद भारत में भी ऐसा कुछ जल्द देखने को मिल सकता
है।
Hong Kong में क्या हो रहा है?
हाल
ही में हॉन्गकॉन्ग की एक डिजिटल बैंक (ZA Bank) ने 300
लोगों पर सर्वे किया।
परिणाम? चौंकाने वाला नहीं, बल्कि उम्मीद भरा था।
- 7 में से 6 लोग (करीब 70%) डिजिटल
बैंक ऐप से क्रिप्टो ट्रेडिंग कर रहे हैं
- वजह? सीधे अपने बैंक अकाउंट से ट्रेड करना, बिना
किसी एक्स्ट्रा पेमेंट गेटवे या थर्ड-पार्टी ऐप के झंझट के
- सबसे
खास बात —
उन्हें अपने बैंक पर भरोसा है, खासकर फंड
सिक्योरिटी और फ्रॉड प्रोटेक्शन के मामले में
यानी
लोगों को डिजिटल बैंक से क्रिप्टो खरीदना जितना आसान लगा, उतना ही सुरक्षित भी।
तो भारत में क्या रुकावट है?
अब
अगर हम भारत की बात करें,
तो अभी ज़्यादातर लोग CoinDCX, WazirX, या CoinSwitch
जैसे प्लेटफॉर्म से क्रिप्टो खरीदते हैं। ये प्लेटफॉर्म अच्छे हैं,
लेकिन:
- कभी-कभी
UPI
काम नहीं करता
- पेमेंट
लिमिट्स और बैंकिंग पॉलिसी बदलती रहती हैं
- और
नए यूज़र्स को तो अकाउंट सेटअप में ही पसीना आ जाता है
अब
सोचिए —
अगर हमारा Paytm Bank या PhonePe ऐप सीधे बिटकॉइन या USDT ट्रेड करने दे, तो कितना आसान हो जाएगा सब कुछ?
रेगुलेशन ही है सबसे बड़ा पेंच
भारत
में सबसे बड़ा सवाल हमेशा यही रहता है — "क्या ये
लीगल है?"
सरकार
ने 30%
टैक्स लगाकर ये तो साफ कर दिया कि क्रिप्टो इग्नोर करने लायक नहीं
है। लेकिन अभी भी क्लियर गाइडलाइंस की कमी है।
वहीं हॉन्गकॉन्ग के लोग कह रहे हैं — जैसे-जैसे
रेगुलेशन क्लियर हुआ, हमारा भरोसा बढ़ा। भारत में भी ऐसा ही हो सकता है, बस थोड़ा और टाइम
और ट्रांसपेरेंसी चाहिए।
यूज़र्स की उम्मीदें – बिल्कुल सिंपल और लॉजिकल
लोगों
की डिमांड भी कोई बहुत बड़ी नहीं है। बस ये चाहते हैं:
- एक
ऐसा बैंक ऐप जो क्रिप्टो-टू-क्रिप्टो ट्रांजैक्शन सपोर्ट करे
- हाई
लिक्विडिटी वाले कॉइन्स जैसे BTC, ETH, USDT, USDC
- कम
फीस और तेज़ ट्रांजैक्शन
- और
सबसे ज़रूरी —
सिक्योरिटी और सपोर्ट
तो क्या हम तैयार हैं?
सच
कहूँ तो टेक्नोलॉजी तो भारत में है, यूज़र्स भी हैं,
बस रेगुलेटरी ग्रीन सिग्नल का इंतज़ार है।
अगर डिजिटल बैंक और सरकार मिलकर एक सिंपल और सेफ क्रिप्टो
ट्रांजैक्शन सिस्टम लेकर आते हैं, तो इंडिया भी बहुत
जल्द हॉन्गकॉन्ग जैसी मिसाल बन सकता है।
और शायद इ दिन बैंक apps से ही
bitcoin खरीदते हुए कोफी का मजा ले रहे होंगे
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