तिरुची के ग्रामीण इलाकों में साइबर क्राइम तेजी से पैर पसार रहा है। कभी जो ठगी के मामले केवल शहरों तक सीमित थे, अब गांवों में भी लोग ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार हो रहे हैं। 2024 में 2,200 मामले दर्ज हुए, जिनमें लोगों को करीब ₹12 करोड़ का नुकसान हुआ। हैरानी की बात ये है कि 2025 के सिर्फ पहले दो महीनों में ही 500 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं, और लोगों के ₹5 करोड़ डूब चुके हैं।
Fraud Rising: क्यों बढ़ रहा है साइबर फ्रॉड?
अगर पिछले कुछ सालों पर नजर डालें तो हालात और भी डरावने दिखते हैं। 2021 में 800 लोगों को ₹3.5 करोड़ का चूना लगा था। 2022 में ये संख्या 1,000 हो गई और नुकसान ₹10.8 करोड़ तक पहुंच गया। 2023 में 1,400 केस दर्ज हुए और ठगी का आंकड़ा ₹10.5 करोड़ पर पहुंच गया। लेकिन 2024 में तो मानो ये अपराध बेकाबू हो गए—2,200 केस और ₹12 करोड़ की चपत!
Online Scams: कैसे लोगों को बनाया जा रहा है शिकार?
ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले scammers पहले से ज्यादा चालाक और शातिर हो चुके हैं। वे fake websites, phishing tactics और social media ads का इस्तेमाल कर भोले-भाले लोगों को फंसाते हैं। तिरुची के ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा ये फ्रॉड हो रहे हैं:
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Part-time job scams – मोटी कमाई का लालच देकर एडवांस पेमेंट मांगते हैं और फिर गायब हो जाते हैं।
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Bank manager fraud calls – बैंक अधिकारी बनकर OTP मांगते हैं और अकाउंट खाली कर देते हैं।
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Fake shopping sites – सस्ते दामों पर सामान बेचने का झांसा देकर पैसे ऐंठते हैं।
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Personal loan & loan app frauds – फर्जी लोन देने का वादा कर लोगों की निजी जानकारी चुरा लेते हैं।
Prevention Tips: सावधानी ही बचाव है!
गांवों में लोग जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में आसानी से झांसे में आ जाते हैं। खासतौर पर 25-40 साल की उम्र के लोग इस तरह की धोखाधड़ी का सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। मुश्किल ये है कि ज्यादातर scamsters नॉर्थ इंडिया से ऑपरेट करते हैं, जिससे उन्हें पकड़ पाना बेहद कठिन हो जाता है।
💡 बचने के आसान तरीके:
✅ किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
✅ बिना जांच-पड़ताल के किसी को OTP या बैंक डिटेल न दें।
✅ Part-time jobs के लिए पहले उनकी सच्चाई जांच लें।
✅ Online shopping सिर्फ भरोसेमंद साइट्स से करें।
Victim Story: एक शिकार की दर्दभरी कहानी
तिरुची के रहने वाले 40 साल के रामकुमार (बदला हुआ नाम) एक corporate employee हैं। उन्होंने बताया, "मुझे एक ऑनलाइन पार्ट-टाइम जॉब का विज्ञापन दिखा, जिसमें अच्छी कमाई का दावा किया गया था। एडवांस फीस मांगी गई, और धीरे-धीरे मैंने ₹30 लाख तक जमा कर दिए। न नौकरी मिली, न पैसे वापस आए। मेरी पूरी फैमिली पर इसका बहुत बुरा असर पड़ा, और अब मैं खुद को ठगा हुआ महसूस करता हूं।"
Police Action: पुलिस क्या कर रही है?
साइबर पुलिस के मुताबिक, लोग शर्म या डर के कारण फ्रॉड की रिपोर्ट ही नहीं करते, जिससे अपराधियों के हौसले और बढ़ जाते हैं। पुलिस ने schools, colleges, public transport और social media पर जागरूकता अभियान शुरू किए हैं ताकि लोगों को इस तरह के फ्रॉड से बचाया जा सके।
🔹 "Prevention is the key," एक साइबर पुलिस अधिकारी ने कहा। "हम अपराधियों को ट्रैक करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लोग सतर्क रहेंगे तो ये अपराध अपने आप कम हो जाएंगे।"
Final Thought: सतर्क रहें, जागरूक बनें!
साइबर क्राइम का खतरा अब सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं रहा। गांवों में भी ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। थोड़ी सी सावधानी और सतर्कता से आप अपना पैसा और निजी जानकारी बचा सकते हैं। अगर कोई ऑनलाइन ऑफर "बहुत अच्छा" लग रहा है, तो पहले उसकी सच्चाई जांच लें।
⚠️ ध्यान रखें: आपकी एक गलती आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकती है