सोचिए, सुबह-सुबह स्कूटर स्टार्ट करते ही मन में सबसे पहला ख्याल आता है – "आज पेट्रोल कितना महंगा हुआ होगा?" कुछ ऐसा ही हाल है देश के करोड़ों लोगों का। BRS के लीडर के. टी. रामाराव ने गरीबो के लिए आवाज उठाई है और कहा की बार बार तेल के दम बढ़ने से जनता तो भूखे ही मर जाएगी मुद्दे तो बोहोत से थे रामाराव के पास लेकिन जहा पर कोई महगाई पर बोने लगता है तो उसकी आवाज को दबा दिया जाता है
दुनिया
में सस्ता, हमारे यहाँ महंगा
क्यों
जब पूरी दुनिया में कच्चा तेल सस्ता
हो रहा है, तो इंडिया में दाम
क्यों बढ़ते जा रहे हैं? यही सवाल उठा रहे हैं KTR। उन्होंने कहा कि international rates का फायदा
जनता तक क्यों नहीं पहुँच रहा? कहीं ऐसा तो नहीं कि सरकार
सिर्फ अपना फायदा देख रही है, और आम लोग silently
suffer कर रहे हैं?
Tax Cess Issue: राज्यों का हक कौन खा रहा है?
ये सिर्फ जनता का ही नहीं, बल्कि राज्यों का भी मसला है। KTR का कहना है कि केंद्र सरकार जो टैक्स और cess वसूलती
है, उसमें से राज्यों को उनका हिस्सा ठीक से नहीं मिलता।
सोचिए, अगर एक राज्य मेहनत करके देश की economy में योगदान दे रहा है, तो बदले में उसे basic
सुविधाएं भी मिलनी चाहिए ना?
LPG Crisis: जब गैस सिलेंडर सपना बन जाए
आज के समय में ₹1100
से ऊपर का एक सिलेंडर… किसी के लिए ये सिर्फ
एक आंकड़ा होगा, लेकिन जिन घरों में हर महीने का राशन और गैस
एक साथ खरीदना मुश्किल होता है, वहाँ ये आंकड़ा डर जैसा लगता
है। KTR ने ठीक ही कहा कि उज्ज्वला योजना अब सिर्फ यादें बन
गई है। जो कभी cylinder पाकर खुश हुए थे, वो अब दोबारा लकड़ियाँ जोड़ने लगे हैं।
Election Strategy: वादे कुछ और, हकीकत कुछ और
चुनाव के समय तो हर कोई "सस्ता
पेट्रोल" बोलता है, लेकिन जैसे ही वोटिंग
खत्म – दाम आसमान छूने लगते हैं। KTR ने
BJP को उसकी पुरानी याद दिलाई – जब
उनके नेता खुद सड़कों पर price hike के खिलाफ उतरते थे। अब
वही लोग price बढ़ने को "normal" बता रहे हैं। जनता भी अब समझने लगी है कि चुनावी strategy क्या होती है।
Public Demands: थोड़ा समझिए, थोड़ा राहत दीजिए
आख़िर में सवाल बस इतना है – क्या सरकार जनता की सुन रही है? क्या वाकई में टैक्स कम किए जाएंगे, या ये बोझ यूँ
ही बढ़ता रहेगा? KTR की मांगें बहुत सीधी हैं – टैक्स सिस्टम में transparency लाओ,
unshareable cess हटाओ और लोगों को थोड़ी राहत दो। आखिर हर परिवार
यही तो चाहता है – dignity के साथ जीने की सुविधा।