ICICI
Bank ने Savings
Account और Fixed Deposit (FD) की ब्याज दरों में बदलाव किया है।
RBI
की नीतिगत दर में कटौती ने इस फैसले को प्रभावित किया है।
यह कदम current
economic trends के साथ तालमेल बिठाता है।
यह नई दरें 17 अप्रैल 2025 से implemented
हो चुकी हैं।
नई
Interest
Rates का विवरण
ICICI
Bank ने घटाई सेविंग्स और FD पर
ब्याज दरें – जानिए इसका क्या असर पड़ेगा आपके पैसों पर
अगर आप भी ICICI Bank में
सेविंग्स अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)
में पैसा रखते हैं, तो यह खबर आपके लिए
अहम है। बैंक ने हाल ही में ब्याज दरों में कटौती की है, जिसका सीधा असर आपकी
कमाई पर पड़ेगा।
सेविंग्स अकाउंट के ग्राहकों को अब कम ब्याज मिलेगा
ICICI Bank ने सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज में 25 बेसिस पॉइंट्स की
कटौती कर दी है। इसका मतलब यह हुआ कि:
- अगर आपके अकाउंट में ₹50
लाख से कम बैलेंस है, तो
अब आपको सालाना सिर्फ
2.75% ब्याज
मिलेगा।
- वहीँ ₹50 लाख से ज्यादा रखने वालों को अब 3.25%
ब्याज मिलेगा।
पहले इन दरों पर थोड़ी राहत थी, लेकिन अब आपकी बचत से
मिलने वाला रिटर्न थोड़ा और घट गया है।
FD
की ब्याज दरें भी घटीं
सिर्फ सेविंग्स अकाउंट ही नहीं, बल्कि FD यानी फिक्स्ड डिपॉजिट
पर भी अब पहले से कम ब्याज मिलेगा। बैंक ने FD
की ब्याज दरों में 25 से 50 बेसिस पॉइंट्स
की कटौती की है। यानी अब जो लोग FD में पैसा लगाकर एक
सुरक्षित और स्थिर आय की उम्मीद करते थे,
उन्हें भी थोड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा।
क्यों
लिया गया ये फैसला?
यह कदम RBI द्वारा रेपो रेट में कटौती (6.50% से
घटाकर 6.25%) करने के बाद उठाया
गया है। रेपो रेट वो दर होती है जिस पर RBI
बैंकों को लोन देता है। जब रेपो रेट
घटती है, तो बैंक भी अपनी लोन और डिपॉजिट की दरों को नीचे लाते हैं।
SBI, HDFC Bank और अन्य बड़े बैंक भी हाल ही में ऐसी ही कटौती कर चुके हैं।
यानी यह बदलाव सिर्फ ICICI Bank तक सीमित नहीं है,
बल्कि यह पूरे बैंकिंग सेक्टर में चल
रही एक बड़ी हलचल का हिस्सा है।
आपके
लिए इसका क्या मतलब है?
इस कटौती से बैंकों को तो फायदा होगा
क्योंकि उनकी कमाई (Net Interest Margin) बढ़ेगी, लेकिन आम लोगों को इससे नुकसान है – खासकर उन लोगों को जो
रिटायरमेंट या फिक्स इनकम के लिए FD
और सेविंग्स अकाउंट पर निर्भर रहते हैं।
क्या
करें अब?
अगर आप ICICI
Bank के ग्राहक हैं, तो यह जरूरी है कि आप
बैंक की वेबसाइट पर जाकर लेटेस्ट ब्याज दरों
को जरूर चेक करें। साथ ही, आप अपनी निवेश रणनीति
पर भी एक बार फिर से विचार करें। हो सकता है कि अब आपको कुछ और विकल्पों की तरफ
देखना पड़े जहाँ बेहतर रिटर्न मिल सके।