हमने हमेशा श्रीलंका के लोगों को अपने दिल के करीब रखा है। जब भी संकट आया, India ने बिना देर किए मदद का हाथ बढ़ाया। श्रीलंका के आर्थिक संकट के दौरान भी, हमने यह सुनिश्चित किया कि जरूरत के समय वे अकेले न रहें," प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा।
Economic Assistance: एक नई शुरुआत
भारत ने एक बार फिर अपनी मित्रता और पड़ोसी धर्म निभाते हुए Sri Lanka की आर्थिक मदद को और मजबूत किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि पिछले छह महीनों में India ने $100 मिलियन से अधिक के Loan को पूरी तरह से Grant में बदल दिया है। इसके साथ ही, मौजूदा Credit पर Interest Rates कम करने का भी फैसला लिया गया है। यह कदम सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि एक मजबूत रिश्ते की पहचान है।
Debt Restructuring Agreement से Sri Lanka को राहत
Sri Lanka के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा डिसानायके के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद, मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत का सहयोग सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रहेगा। "हमारा Debt Restructuring Agreement श्रीलंका के लोगों के लिए राहत और उम्मीद लेकर आया है। हमने यह फैसला लिया ताकि श्रीलंका के नागरिकों को आर्थिक संकट से उबरने में मदद मिल सके," मोदी ने कहा।
India और Sri Lanka: सिर्फ पड़ोसी नहीं, परिवार
भारत और श्रीलंका का रिश्ता सदियों पुराना है। जब भी श्रीलंका मुश्किलों में पड़ा, India ने उसे केवल एक पड़ोसी की तरह नहीं, बल्कि परिवार की तरह संभाला है। "आज हमने ब्याज दरें कम करने का भी निर्णय लिया है, जो यह दिखाता है कि मुश्किल घड़ी में भी India श्रीलंका के साथ मजबूती से खड़ा है," मोदी ने अपने संबोधन में कहा।
Sri Lanka का Economic Crisis और India की मदद
2022 से Sri Lanka एक गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट, भुगतान संतुलन की समस्या और आवश्यक सेवाओं की कमी ने वहां के लोगों को कठिन हालात में डाल दिया। लेकिन इसी दौरान India ने अपनी दोस्ती को मजबूत करते हुए Sri Lanka को Credit Line, Currency Swap और Humanitarian Aid के जरिए राहत पहुंचाई।
IMF और International Debt Relief में India की भूमिका
मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि India द्वारा IMF को दी गई Financial Assurance के अनुरूप ही यह Debt Restructuring Agreement किया गया है। यह Sri Lanka को IMF Program के तहत मिलने वाली सहायता को सुचारू रूप से प्राप्त करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, "हमने यह निर्णय केवल आर्थिक सहायता के रूप में नहीं, बल्कि एक मित्र राष्ट्र को संकट से उबारने के लिए लिया है।"
Digital और Energy Sector में India-Sri Lanka का नया अध्याय
भारत और श्रीलंका केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं हैं, बल्कि डिजिटल और ऊर्जा क्षेत्र में भी साथ मिलकर काम कर रहे हैं। दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए, जिनमें Sri Lanka में India के UPI Payment System को लागू करना, Grid Connectivity के जरिए Renewable Energy Trade को बढ़ावा देना और Ferry व Aviation Services को मजबूत करना शामिल है। यह कदम न सिर्फ दोनों देशों के व्यापार को बढ़ाएगा, बल्कि लोगों को एक-दूसरे से और जोड़ने का काम करेगा।
Regional Cooperation: Indo-Pacific में India का विजन
भारत हमेशा से एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी Indo-Pacific क्षेत्र का समर्थन करता आया है। मोदी ने कहा कि Sri Lanka "Neighbourhood First Policy" और "SAGAR Vision" का एक महत्वपूर्ण भागीदार है। उन्होंने यह भी बताया कि Railways, Energy और Education के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत किया जाएगा।
Hard Times में India का भरोसा
मोदी ने अपने संबोधन के अंत में एक बार फिर दोहराया कि भारत की दोस्ती सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं है। "हमारे विकास सहयोग में हमने हमेशा श्रीलंका के लोगों को केंद्र में रखा है। जब भी कोई संकट आया, हमने बिना शर्त उनके साथ खड़े रहना चुना। और आगे भी, Sri Lanka को हमारी जरूरत होगी, तो India हमेशा सबसे पहले आगे आएगा।"
यह सिर्फ एक Loan Restructuring Agreement नहीं, बल्कि भरोसे, दोस्ती और साथ खड़े रहने की एक अनूठी मिसाल है