यह कैसे सर्कार है जो गेस के दाम बढ़ाते ही चली जा रही है फिर से 50 रूपया बढ़ा दिया गया है और सरकार को गरीबो की जेब नहीं दिखाई दे रही है की एक गरीब आदमी रोज कितना कमाता है गेस की कीमत तो बढ़ी ही है बाद में गेस के दिलेवेरी बॉय को भी डिलेवरी चार्जेस देने होते है अगर खुद लेने जाओ तो गेस एजेंसी में गेस के रेट को बढ़ा के बताया जाता है और जिन्हें नहीं मालूम है वो लोग तो दे भी देते है लेकिन जिनके पास है तो और जिनके पास नहीं है वो क्या करे ।
Excise Duty और LPG दोनों महंगे
7 अप्रैल को केंद्र
सरकार ने petrol और diesel पर ₹2
प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी भी बढ़ाई है। इसके साथ ही गैस सिलिंडर
के दाम भी बढ़ा दिए गए। सरकार का कहना है कि इससे OMCs यानी Oil
Marketing Companies को उनके नुकसान की भरपाई में मदद मिलेगी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में LPG के दाम ज्यादा होने के बावजूद
कंपनियाँ घरेलू ग्राहकों को सस्ती गैस देती रही हैं।
आम लोगों के लिए समझ पाना मुश्किल
पहले तो सरकार ने कहा की 250 बढ़ाये की
यह रूपए आपके खाते में आयेंगे लेकिन फिर बाद में सरकार कहती है अपनी सब्सिडी को
छोड़ दो सरकार के इरादे कुछ ठीक नहीं लगते है और कई लोगो के खाते में पैसे आते है
तो कई लोगो के खाते में पैसे नहीं आते है और इसका प्रोसेस क्या है केसी करना है
किस्से कम्प्लें करे कहा करे किसी को कुछ मालूम ही नहीं अगर जाओ तो चक्कर लग जाते
है एक आम आदमी के और बात बात में पैसे भी हम गरीबो को ही देना पड़ता है
Black Market में भी बढ़ने लगे रेट
बात करे अगर दिल्ली की तो अगर कोई
ब्लैक से गेस लेता है तो उसे 1500 सो रूपए देने होते है और एक आम आदमी की आमदनी
कितनी होती है यह बात किसी से छुपी नहीं है जो रोज मर्रा की चीजे है उसके दाम
बोहोत ही तेजी से ऊपर आ रहे है कितने मजदूर बहार जाकर कमाते है और खाते है यह कोई
भी नहीं देखता है और सरकार तो एक परसेंट गरीबो के बारे में कुछ करती होतो उसे कोई
भी नहीं बता सकता है सिर्फ एक वादे ही करती है सरकार लेकिन अब धीरे धीरे समझने लगे
है यह काम क्लिस कसका हो सकता है और किसको फायदा हो रहा है
Every Kitchen, Every Business Feels the Burn
चाहे एक ठेले वाला हो या फिर कोई भी समोसे वाला या चाय वाला सभी को गेस की जरुरत पड़ती है और लोगो के दिलो में एक दहसत भी होती है की वह समय भी नहीं रह गया है की अब लकड़ी में खाना बना सके लोग लकड़ी के दम सोने से भी ज्यादा है अगर सरकार सिर्फ एक हफ्ते के लिए गेस बंद कर दे तो पता नहीं इस देश में क्या हो जायेगा अगर लोगो को कुछ खरीदने में अगर दिक्कत आ रही है तो समझो जीडीपी निचे की और जा रही है और यही एक हकीकत अगर भारत का एक आम आदमी कोई वास्तु लेने के लिए संघर्स करे तो क्या ही कहा जायेगा
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