संडरनगर, मंडी में आयोजित 'Millet Fair 2025' में 580 से अधिक किसानों ने भाग लिया और मिलेट्स की खेती, उनके पोषण लाभ और सतत कृषि तकनीकों पर विशेषज्ञों से चर्चा की। इस मेले का आयोजन कृषि विभाग द्वारा किया गया, जिसका मुख्य विषय था – "अनाज से स्वास्थ्य तक - मिलेट्स का सफर"। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि सचिव सी. पलरसु थे। अन्य प्रमुख अतिथियों में पद्मश्री नेक राम शर्मा, कृषि संयुक्त निदेशक (उत्तरी क्षेत्र) डॉ. राहुल कटोच, किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अमर नेगी और कृषि विभाग के जिला एवं ब्लॉक स्तर के अधिकारी शामिल थे।
किसानों के लिए ज्ञानवर्धक सत्र और मिलेट उत्पादों की प्रदर्शनी
मेले में मंडी और आसपास के जिलों से आए 584 प्रगतिशील किसानों को मिलेट्स की खेती, उनके पोषण लाभ और मूल्य संवर्धन (value addition) पर विशेषज्ञों से संवाद करने का अवसर मिला। कृषि उपनिदेशक डॉ. राम चंद्र चौधरी ने इस आयोजन में सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत मिलेट प्रतिज्ञा (millet pledge) और RAA Hyderabad द्वारा रचित मिलेट गीत के साथ हुई, जिसने खेत से भोजन की थाली तक मिलेट्स की यात्रा को दर्शाया।
विशेषज्ञों की राय और किसानों की सहभागिता
इस आयोजन में KVK सुंदरनगर की वैज्ञानिक डॉ. कविता शर्मा और MLSM College की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मंजू लता सिसोदिया ने मिलेट उत्पादन तकनीक, उनके पोषण लाभ और पर्यावरणीय अनुकूलता पर गहन सत्र लिए। किसानों को अपनी समस्याओं पर चर्चा करने और कृषि वैज्ञानिकों से समाधान प्राप्त करने का अवसर मिला। कई प्रगतिशील किसानों और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) ने मिलेट खेती में अपनी सफलताओं और नवाचारों को साझा किया।
मेले में मिलेट-आधारित उत्पादों और आधुनिक कृषि तकनीकों की प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र रही। कृषि विभाग, प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना, JICA प्रोजेक्ट, कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), HIMRAA और SHGs के स्टॉल्स पर मिलेट उत्पाद, खेती की तकनीकें और रेसिपीज़ प्रदर्शित की गईं। विजिटर्स को विभिन्न प्रकार के मिलेट-आधारित व्यंजन चखने का अवसर भी मिला, जिससे उनके दैनिक आहार में इनका समावेश प्रोत्साहित किया गया।
मिलेट खेती की सफलता की कहानियाँ और भविष्य की संभावनाएँ
प्राकृतिक खेती के अग्रणी पद्मश्री नेक राम शर्मा ने मिलेट खेती में अपने अनुभव साझा किए और इसके स्वास्थ्य लाभों तथा पोषण संबंधी कमियों को दूर करने की इसकी क्षमता पर जोर दिया। युवा उद्यमी यशपाल चंदेल ने बताया कि उन्होंने मिलेट-आधारित उत्पादों का बिजनेस शुरू किया, जो अब हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों में संचालित हो रहा है और Amazon जैसी ई-कॉमर्स साइट्स तक विस्तार कर चुका है।
HP किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सीता राम वर्मा ने किसानों द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों पर प्रकाश डाला, जबकि डॉ. राहुल कटोच (कृषि संयुक्त निदेशक, उत्तर क्षेत्र, धर्मशाला) ने मिलेट्स के मूल्य संवर्धन की संभावनाओं पर चर्चा की।
सरकारी समर्थन और किसानों को प्रोत्साहन
मुख्य अतिथि सी. पलरसु ने अपने समापन भाषण में किसानों को सरकार की ओर से मिलेट खेती को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। उन्होंने प्राकृतिक रूप से उगाए गए अनाजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा की – गेहूं ₹60 प्रति किलो, मक्का ₹40 प्रति किलो और हल्दी ₹90 प्रति किलो। साथ ही, उन्होंने किसानों को स्वयं सहायता समूहों द्वारा विकसित मिलेट-आधारित कुकिंग इनोवेशंस को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
25 प्रगतिशील किसानों को किया गया सम्मानित
सतत कृषि में उनके योगदान को मान्यता देते हुए, 25 प्रगतिशील किसानों को उनकी समर्पित मेहनत के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन डॉ. प्राची (प्रधान, किसान प्रशिक्षण केंद्र, सुंदरनगर) द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
इस मेले ने क्षेत्र में मिलेट्स के बढ़ते महत्व को उजागर किया, जो न केवल पोषण का खजाना हैं बल्कि पर्यावरणीय रूप से भी अनुकूल हैं। सरकार के समर्थन और किसानों की बढ़ती भागीदारी के साथ, यह आयोजन हिमाचल प्रदेश में सतत कृषि, खाद्य सुरक्षा और सामुदायिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।