रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने सोमवार को अपनी द्विमासिक बैठक शुरू कर दी है। बाजार में इस बार उम्मीदें हैं कि RBI 25 बेसिस प्वाइंट्स (bps) की कटौती कर सकता है। इसकी वजह साफ है—गिरती हुई मुद्रास्फीति और ग्लोबल इकॉनमी में बढ़ती चुनौतियां। खासतौर पर, अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ सकता है, जिसे कम करने के लिए यह कदम जरूरी हो सकता है।
SBI Report: ग्लोबल इकॉनमी के सामने बड़ी चुनौती!
SBI की एक रिपोर्ट बताती है कि इस समय वैश्विक अर्थव्यवस्था कई बड़े झटकों से गुजर रही है। व्यापार से जुड़े टैरिफ बैरियर, तेजी से बदलती मुद्रा दरें और अस्थिर पूंजी प्रवाह जैसी समस्याएं कई देशों के लिए चुनौती बनी हुई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कोई भी देश इस असर से बच नहीं सकता। ऐसे में, केंद्रीय बैंकों की नीति क्या होगी, यह अब भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है।
Experts का अनुमान: फिर होगी 25 bps की कटौती?
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि RBI इस हफ्ते 25 bps की और कटौती कर सकता है। SBI की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2025 में की गई पहली कटौती के बाद अप्रैल में एक और कटौती संभव है। इसके बाद जून में स्थिति का विश्लेषण किया जाएगा, और फिर अगस्त 2025 से दूसरी कटौती का सिलसिला शुरू हो सकता है।
Economic Outlook: क्या कहता है बाजार?
पिरामल ग्रुप के चीफ इकोनॉमिस्ट देबोपम चौधरी का कहना है कि यह एक दुर्लभ स्थिति है, जब अमेरिकी ब्याज दरों में गिरावट, मजबूत भारतीय रुपया और घरेलू मुद्रास्फीति का लक्ष्य से नीचे जाना, एक साथ देखने को मिल रहा है। उनके मुताबिक, यह सही समय है जब RBI को ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती करनी चाहिए ताकि आर्थिक नीतियों में सुधार लाने में हुई देरी की भरपाई हो सके।
Banking Sector को RBI से क्या उम्मीदें हैं?
BLS E-Services के चेयरमैन शिखर अग्रवाल का कहना है कि बैंकिंग सेक्टर को RBI से कई उम्मीदें हैं। वे चाहते हैं कि RBI ऐसी नीतियां बनाए जिससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं और बेहतर हो सकें। इसके अलावा, लोन की दरें कम होने से आम लोगों के लिए बैंकिंग सेवाएं और भी सस्ती हो सकती हैं।
Startups के लिए RBI की भूमिका कितनी अहम?
Fretbox के CEO आशीष गुप्ता का कहना है कि स्टार्टअप सेक्टर को RBI से काफी उम्मीदें हैं। उनका मानना है कि अगर दरों में कटौती की जाती है और लिक्विडिटी यानी नकदी प्रवाह बेहतर किया जाता है, तो इससे नए बिजनेस को ग्रोथ में काफी मदद मिलेगी। इससे निवेश बढ़ेगा और भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूती मिलेगी।
US Tariffs का भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर
Bajaj Broking Research के मुताबिक, अमेरिका ने हाल ही में भारतीय आयातों पर 26% टैरिफ लगा दिया है। इसका सीधा असर भारत की GDP ग्रोथ पर पड़ सकता है, जो 6.7% से घटकर 6.1% तक आ सकती है। इस दबाव को कम करने के लिए RBI को आगे भी ब्याज दरों में कटौती करनी पड़ सकती है।
निष्कर्ष: क्या दरों में कटौती होगी?
अब सबकी निगाहें RBI की बैठक पर टिकी हैं। अगर दरों में कटौती होती है, तो इससे लोन लेना सस्ता होगा, स्टार्टअप्स को ग्रोथ मिलेगी और बाजार को मजबूती मिलेगी। लेकिन क्या RBI 25 bps की कटौती करेगा या कुछ और बड़ा ऐलान होगा? इसका जवाब बुधवार को मिल जाएगा
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