आज की डिजिटल दुनिया में वायरलेस टेक्नोलॉजी लगातार अपग्रेड हो रही है। इसी कड़ी में T-Mobile ने 7GHz बैंड में Nokia के Equipment को टेस्ट करने की योजना बनाई है, जिससे "भविष्य की संभावित वायरलेस टेक्नोलॉजीज़" को आगे बढ़ाया जा सके। जाहिर है, यह 6G टेक्नोलॉजी की ओर एक बड़ा कदम हो सकता है।
FCC
(Federal Communications Commission) ने T-Mobile को "Experimental Prototype Wireless Equipment" टेस्ट करने की अनुमति दी है। यह टेस्ट Bellevue, Washington में T-Mobile के हेडक्वार्टर्स के आसपास किया जाएगा।
दिलचस्प बात यह है कि Nokia अपने Dallas हेडक्वार्टर्स में भी इसी Equipment को 6G के लिए टेस्ट कर रहा है।
6G के लिए क्यों जरूरी है 7GHz और 8GHz बैंड?
आज
के समय में हाई-स्पीड इंटरनेट और स्टेबल कनेक्टिविटी की ज़रूरत बढ़ती जा रही है।
ऐसे में US
के सरकारी अधिकारियों और वायरलेस नेटवर्क Equipment Vendors ने 7GHz और 8GHz बैंड को 6G
नेटवर्क के लिए सबसे उपयुक्त माना है।
5G
Americas ट्रेड एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार, "7.125
– 8.400GHz स्पेक्ट्रम ब्लॉक 6G रेडियो
डिप्लॉयमेंट के लिए बहुत अहम है, क्योंकि यह 10-20 गुना अधिक कैपेसिटी और हाई डेटा स्पीड देने में सक्षम होगा।" इसमें
एडवांस्ड बीमफॉर्मिंग, हाई-ऑर्डर MIMO (Multiple
Input Multiple Output) कॉन्फ़िगरेशन जैसी टेक्नोलॉजी भी शामिल
होंगी।
क्या Nokia को अलविदा कहने की तैयारी में है T-Mobile?
T-Mobile
के इस टेस्ट को लेकर एक और चर्चा हो रही है—क्या
कंपनी Nokia को अपने Wireless Equipment सप्लायर्स की लिस्ट से बाहर करने वाली है? AT&T और
Verizon पहले ही ऐसा कर चुके हैं। लेकिन अगर T-Mobile
अपने Bellevue हेडक्वार्टर्स में Nokia
के 6G Equipment का टेस्ट कर रहा है, तो यह Nokia के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है।
AI और 6G का कनेक्शन
T-Mobile
सिर्फ 6G हार्डवेयर ही नहीं, बल्कि AI (Artificial Intelligence) से जुड़े
सॉल्यूशंस पर भी काम कर रहा है। कंपनी Nvidia और 5G
Vendors जैसे Ericsson और Nokia के साथ मिलकर AI-पर 6G टेक्नोलॉजी पर वर्क चल
रहा है ।
Nokia की 6G टेस्टिंग पर भी नज़र
Nokia
ने भी FCC के पास इसी तरह की फाइलिंग की है,
जिसमें Dallas हेडक्वार्टर्स में 6G
Equipment टेस्टिंग की बात कही गई है। कंपनी ने लिखा, "यह रिसर्च 6G टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाने और नए
वायरलेस कम्युनिकेशन कॉन्सेप्ट्स को एक्सप्लोर करने के लिए है।"
Nokia
ने अपने Massive MIMO Radio एंटेना एरे का
ज़िक्र किया है, लेकिन ज्यादा डिटेल्स साझा नहीं की गई हैं।
कंपनी अपने रिसर्च में बैंड सेगमेंटेशन, फ्रिक्वेंसी शेयरिंग
मैकेनिज्म और बीमफॉर्मिंग टेक्नोलॉजी पर ध्यान दे रही है।
6G का भविष्य: कब तक आएगी यह टेक्नोलॉजी?
ग्लोबल
वायरलेस इंडस्ट्री ने 3GPP
(3rd Generation Partnership Project) के तहत 6G टेक्नोलॉजी पर काम शुरू कर दिया है। 3GPP का Release
21, 2029 तक 6G RAN (Radio Access Network) स्टैंडर्ड
को डिफाइन करेगा।
हाल
ही में,
3GPP ने 6G वर्कशॉप आयोजित की, जिसमें Qualcomm के Juan Montojo ने बताया कि "यह वर्कशॉप 6G टेक्नोलॉजी
स्टैंडर्डाइज़ेशन पर केंद्रित थी, जिसमें आठ सेशंस शामिल
थे।"
Apple का अलग नजरिया
Apple
भी 6G पर अपने विचार रख चुका है। कंपनी का
मानना है कि "हाई पीक डेटा रेट" 6G का मुख्य KPI
(Key Performance Indicator) नहीं होना चाहिए। बल्कि, नेटवर्क की Consistent Coverage, बेहतर बैटरी लाइफ,
कम लेटेंसी और हाई सिक्योरिटी पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए।
5G
को लेकर कुछ आलोचनाएं आई थीं कि यह जरूरत से ज्यादा जटिल था और इसे
जल्दी लॉन्च कर दिया गया था। यही वजह है कि 6G को सही तरीके
से विकसित करने पर ज़ोर दिया जा रहा है।
निष्कर्ष: 6G की दौड़ में कौन आगे?
T-Mobile
और Nokia दोनों ही 6G टेक्नोलॉजी
के विकास में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। जहां एक ओर T-Mobile अपनी वायरलेस क्षमताओं को बढ़ाने में लगा है, वहीं Nokia
6G टेक्नोलॉजी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की कोशिश कर रहा है।
आने
वाले कुछ वर्षों में यह साफ हो जाएगा कि कौन सी कंपनी इस टेक्नोलॉजी की दौड़ में
सबसे आगे निकलती है।